1920 के दशक में माहेश्वरी विद्या प्रचारक मंडल की स्थापना के बाद से, संगठन ने लगातार उन तीन अग्रदूतों के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए अपने सभी प्रयासों को निर्देशित किया है जिन्होंने माहेश्वरी विद्या प्रचारक मंडल की नींव रखी थी। जब शिक्षण संस्थान कुछ चुनिंदा शहरों में ही स्थित थे और मारवाड़ी माहेश्वरी समुदाय के राष्ट्रीय लाभ के लिए निम्नलिखित उद्देश्यों की कल्पना की गई थी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि समाज के सभी वर्गों के युवा बिना किसी जटिलता के राज्य के हर कोने में हर प्रकार की शिक्षा का लाभ उठा सकते हैं। पूर्व के विस्तार में, हमारा उद्देश्य शैक्षिक संस्थानों और छात्रावासों की स्थापना करना है, लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए, ऐसी जगहों पर जहां पहले कोई भी मौजूद नहीं था, ताकि वे शहरों में प्रसिद्ध संस्थानों से अपनी पसंद की शिक्षा का लाभ उठा सकें।
जरूरतमंद और सराहनीय युवाओं को छात्रवृत्ती, ऋण छात्रवृत्ती, पुरस्कार और फ्रीशिप की सुविधा उपलब्ध करायी गई ता कि वे बिना किसी बाधा के अपनी पढ़ाई कर सकें। हमारे प्रयासों को हमेशा सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने की दिशा में केंद्रित किया गया है और समाज के महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना यह प्राप्त नहीं किया जा सकता है। हमारे प्रयासों की दिशा ऐसे सुनिश्चित की गयी है जिससे हमारे समाज की युवा महिलायें अपनी शैक्षणिक और घरेलु छवि को उजागर कर सकें ऐसे अवसर प्राप्त हो सकें, और उन्हें एक स्वस्थ, व्यावहारिक और व्यक्तिगत जीवन कार्य संतुलन बनाए रखने में भी मदद करेंगे।